कविता-अपने मन की बात
- अपने मन की बात……..
- लिख दी… दिल के साथ
- अपने मन की बात……2
- न छल है…. न कपट है
- और न है…. कोई राज
- अपने मन की बात……
- लिख दी…. दिल के साथ
- अपने मन की बात…..2
- हो सकता है….किसी को दुख पहुंचे
- हो सकता है….किसी को मिले खुशी
- दु:ख पहुंचाना…..नहीं मेरा मकसद
- कुछ बदलाव हो जाए…यही है मेरी चाहत
- लिखने में मैंने…..न किया कोई भेद
- और न है……. मेरे लिए कोई खास
- अपने मन की बात……….
- लिख दी….. दिल के साथ
- अपने मन की बात………2
- लिखूंगा हमेशा…मैं जनहित की बातें
- तन जले.. … मन जले….
- चाहे लगे…..किसी को काटे
- एक-एक शब्द लिखूंगा…… जनहित की आस
- अपने मन की बात……….
- लिख दी…… दिल के साथ
- अपने मन की बात………2
- न हूं मैं…………. कोई ज्ञानी
- और न हूं…. मैं कोई उपदेशी
- दु:ख होता है…..मन को…. मेरे दिल को
- सुनता हूं…देखता हूं…बढ़ रही….वे…रोजगारी
- गरीबी है इतनी, 5 किलो अनाज में, लगी हैं लंबी लाइनें
- मांग करूँ… मैं सरकार से
- लेने वाला नहीं, देने वाला बनाओ, 5 किलो अनाज
- फिर बन जाएगा…. मेरा देश खास
- अपने मन की बात…………..
- लिख दी…. दिल के साथ
- अपने मन की बात…….2
यह भी पढ़े……. नीम करौली बाबा का आध्यात्मिक रहस्य और उनके चमत्कार
Disclaimer:
इस ब्लॉग में लिखी गई कविता सिर्फ कविता नहीं है यह मेरे मन और दिल की बात है,
यह कविता किसी के साथ छल या कपट या हीन भावना या किसी का पक्ष लेने के लिए नहीं लिखी है और न ही किसी को लाभ और न ही किसी को नुकसान पहुचाने के लिए लिखी है, अगर किसी को मेरी कविता से लाभ या नुकसान होता है तो मै आप सभी से क्षमा चाहता हूं।
Add comment